माँ की ममता अनमोल है hindi Stories| suvichar | motivational Story Hindi

राह चलते एक आदमी फूलो की दुकान को देखते हुए अपनी गाड़ी को रोका और दुकानदार के पास गया और अपनी माँ के लिए फूल भेजने के लिए कूरियर भेजने का निवेदन किया इतने में एक छोटी बच्ची वहा आयी और उस आदमी से बोली “अंकल मै अपनी माँ के लिए लाल गुलाब खरीदना चाहती हु लेकिन मेरे पास 2 रूपये कम पड़ रहे है इसलिए अगर मेरी 2 रूपये की मदद कर दे तो मै इन फूलो को खरीद सकती हु”
यह सुनकर वह व्यक्ति मुस्कुराया और बोला ठीक है तुम खरीद लो 2 रूपये मै दे देता हु फिर जैसे ही वह व्यक्ति फूलो का आर्डर देने के पश्चात वहा से जाने लगा तो लड़की बोली आप आगे जा रहे है तो मुझे भी आप अपने गाड़ी से मेरे पास के छोड़ देना तो व्यक्ति उस लड़की को अपनी गाड़ी में बिठा लिया और कुछ देर चलने के बाद वह लड़की एक कब्रिस्तान के पास रुकी और बोली मेरी माँ यही रहती है इसके बाद वह लड़की कब्रिस्तान में जाने लगी तो उत्सुकतावश वह व्यक्ति भी उस लड़की के पीछे पीछे चल दिया तो देखा की एक कब्र पर वह लड़की फूलो को सजा रही है और फिर कब्र से लिपट गयी.
जिसे देखकर उस व्यक्ति की आखे खुल गयी वह अब समझ चूका था की अपनों के खोने का क्या गम होता है और वह व्यक्ति तुरंत वहा से वापस फूलो की दुकान पर गया और अपना कूरियर का आर्डर निरस्त करके खुद फूलो का गुलदस्ता लेते हुए अपने हाथो से माँ को देने के लिए निकल पड़ा.
शिक्षा :-

हमारा जीवन छोटा है अप जिन्हें चाहते है जो कोई भी आपका हो उनके साथ अधिक से अधिक समय व्यतीत करे क्यूकी सबको अपनो के प्यार की जरूरत पड़ती है और ऐसा करने में हम देरी करते है तो क्या पता कब हम अपनों से दूर हो जाए और फिर अपनों का प्यार पाना नामुमकिन हो जाये इसलिए जीवन के प्रत्येक क्षण में जीवन का आनन्द ले क्यूकी आपके परिवार से बढकर कुछ भी महत्वपूर्ण नही है.

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एक दिन थॉमस अल्वा एडिसन | Thomas Alva Edison स्कूल से अपने घर आया और स्कूल से मिले हुए हुए पेपर को अपनी माँ से देते हुए बोला की “माँ मेरे शिक्षक ने मुझे यह पत्र दिया है और कहा है की इसे केवल अपनी माँ को ही देना, बताओ माँ आखिर इसमें ऐसा क्या लिखा है मुझे जानने की बड़ी उत्सुकता है”.
तब पेपर को पढ़ते हुए माँ की आखे रुक गयी और तेज आवाज़ में पत्र पढ़ते हुए बोली “आपका बेटा बहुत ही प्रतिभाशाली है यह विद्यालय उसकी प्रतिभा के आगे बहुत छोटा है और उसे और बेहतर शिक्षा देने के लिए हमारे पास इतने काबिल शिक्षक नही है इसलिए आप उसे खुद पढाये या हमारे स्कूल से भी अच्छे स्कूल में पढने को भेजे” ये सब सुनने के बाद एडिसन अपने आप पर गर्व करने लगा और माँ के देखरेख में अपनी पढाई करने लगा.
लेकिन एडिसन के माँ के मृत्यु के कई सालो बाद एडिसन तो एक महान वैज्ञानिक बन गया और एक दिन अपने कमरों की सफाई कर रहा था तो उसे अलमारी में रखा हुआ वह पत्र मिला जिसे उसने खोला और पढने लगा उसमे लिखा था की “आपका बेटा मानसिक रूप से बीमार है जिससे उसकी आगे की पढाई इस स्कूल में नही हो सकता है इसलिए उसे अब स्कूल से निकाला जा रहा है” इसे पढ़ते ही एडिसन एक भावुक हो गया और फिर अपनी डायरी में लिखा की “ थॉमस एडिसन तो एक मानसिक रूप से बीमार बच्चा था लेकिन उसकी माँ ने अपने बेटे को सदी का सबसे प्रतिभाशाली व्यक्ति बना दिया”.