Very sad shayari in hindi | Dard Dil Ki Shayari

कल क्या खूब इश्क़ से इन्तकाम लिया मैंने,

कागज़ पर लिखा इश्क़ और उसे जला दिया।

सपनों से दिल लगाने की आदत नहीं रही,

हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही,

ये सोच के कि कोई मनाने नहीं आएगा,

अब हमको रूठ जाने की आदत नहीं रही।

फलक के तारों से क्या दूर होगी जुल्मत-ए-शब,
जब अपने घर के चरागों से रोशनी न मिली।

सपनों से दिल लगाने की आदत नहीं रही,
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही,
ये सोच के कि कोई मनाने नहीं आएगा,
अब हमको रूठ जाने की आदत नहीं रही।

ये तेरा खेल न बन जाए हक़ीकत एक दिन,
रेत पे लिख के मेरा नाम मिटाया न करो।

तेरे बाद हम जिसके होंगे।

उस रिश्ते का नाम मजबूर होगी।


रोये कुछ इस तरह से, मेरे जिस्म से लग के वो,

ऐसा लगा की जैसे कभी, बेवफा ना था वो

कोई कितना भी हिम्मत वाला हो,

हमेशा खास इंशान की याद रुला देती है।